भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव को सुलझाने के लिए चीन को किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता मंजूर नहीं है। चीन की तरफ से यह प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बातचीत के बाद आई है। दोनों नेताओं के बीच कल यानी मंगलवार को एलएसी पर जारी तनाव को लेकर भी चर्चा हुई थी।
आपको बता दें कि कल प्रेसिडेंट ट्रंप ने पीएम मोदी को G-7 समिट में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। साथ ही चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव को लेकर सार्थक चर्चा हुई।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन से जब सीमा विवाद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि दोनों देशों के पास ऐसी समस्याओं को हल करने के लिए तंत्र हैं। उन्होंने कहा, 'सीमा पर अब स्थिति नियंत्रण में है। चीन और भारत के पास ऐसी समस्या को सुलझाने के लिए प्रयाप्त तंत्र हैं। हम इसे बातचीत से हल कर सकते हैं। किसी तीसरे की आवश्यक्ता नहीं है।' झाओ
ने भारत के साथ लंबे समय से चली आ रही सीमा समस्या पर चीन की स्थिति को दोहराया।
उन्होंने कहा, 'सीमा को लेकर चीन की स्थिति पहले की तरह साफ है। हमने दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सहमति को ईमानदारी से लागू किया है और चीन और भारत के बीच हुई संधि का कड़ाई से पालन किया है।' उन्होंने आगे कगा कि राष्ट्रीय क्षेत्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को बनाए रखने और सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
चीन ने शुक्रवार को ट्रंप द्वारा वर्तमान चीन-भारत सीमा गतिरोध में मध्यस्थता करने की पेशकश को अस्वीकार कर दिया था। ट्रंप ने पिछले हफ्ते ट्वीट किया था कि वह गतिरोध को हल करने के लिए नई दिल्ली और बीजिंग के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं।
हालांकि भारत भी किसी तीसरे पक्ष का पक्षधर नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इस मामले पर कहा था कि हम इस मुद्दे को शांति से सुलझाने के लिए चीनी पक्ष के साथ लगे हुए हैं।
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